The Noble Qur'an Encyclopedia
Towards providing reliable exegeses and translations of the meanings of the Noble Qur'an in the world languagesThe Ascending stairways [Al-Maarij] - Hindi translation - Azizul Haq Al-Omari
Surah The Ascending stairways [Al-Maarij] Ayah 44 Location Maccah Number 70
एक माँगने वाले[1] ने वह यातना माँगी, जो घटित होने वाली है।
काफ़िरों पर। उसे कोई टालने वाला नहीं।
ऊँचाइयों वाले अल्लाह की ओर से।
फ़रिश्ते और रूह[2] उसकी ओर चढ़ेंगे, एक ऐसे दिन में जिसकी मात्रा पचास हज़ार वर्ष है।
अतः (ऐ नबी!) आप अच्छे धैर्य से काम लें।
निःसंदेह वे उसे दूर समझ रहे हैं।
और हम उसे निकट देख रहे हैं।
जिस दिन आकाश पिघली हुई धातु के समान हो जाएगा।
और पर्वत धुने हुए ऊन के समान हो जाएँगे।[3]
और कोई मित्र किसी मित्र को नहीं पूछेगा।
हालाँकि वे उन्हें दिखाए जा रहे होंगे। अपराधी चाहेगा कि काश उस दिन की यातना से बचने के लिए छुड़ौती में दे दे अपने बेटों को।
तथा अपनी पत्नी और अपने भाई को।
तथा अपने परिवार (कुटुंब) को, जो उसे शरण देता था।
और उन सभी लोगों[4] को जो धरती में हैं। फिर अपने आपको बचा ले।
कदापि नहीं! निःसंदेह वह (जहन्नम) भड़कने वाली आग है।
जो खाल उधेड़ देने वाली है।
वह उसे पुकारेगी, जिसने पीठ फेरी[5] और मुँह मोड़ा।
तथा (धन) एकत्र किया और संभाल कर रखा।
निःसंदेह मनुष्य बहुत अधीर बनाया गया है।
जब उसे कष्ट पहुँचता है, तो बहुत घबरा जाने वाला है।
और जब उसे भलाई मिलती है, तो बहुत रोकने वाला है।
सिवाय नमाज़ियों के।
जो हमेशा अपनी नमाज़ों की पाबंदी करते हैं।
और जिनके धन में एक निश्चित भाग है।
माँगने वाले तथा वंचित[6] के लिए।
और जो बदले के दिन को सत्य मानते हैं।
और जो अपने पालनहार की यातना से डरने वाले हैं।
निश्चय उनके पालनहार की यातना ऐसी चीज़ है, जिससे निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता।
और जो अपने गुप्तांगों की रक्षा करते हैं।
सिवाय अपनी पत्नियों से या अपने स्वामित्व में आई दासियों[7] से, तो निश्चय वे निंदनीय नहीं हैं।
फिर जो इसके अलावा कुछ और चाहे, तो ऐसे ही लोग सीमा का उल्लंघन करने वाले हैं।
और जो अपनी अमानतों तथा अपनी प्रतिज्ञा का ध्यान रखने वाले हैं।
और जो अपनी गवाहियों पर क़ायम रहने वाले हैं।
तथा जो अपनी नमाज़ की रक्षा करते हैं।
वही लोग जन्नतों में सम्मानित होंगे।
फिर इन काफ़िरों को क्या हुआ है कि वे आपकी ओर दौड़े चले आ रहे है?
दाएँ से और बाएँ से समूह के समूह।[8]
क्या उनमें से प्रत्येक व्यक्ति यह लालच रखता है कि उसे नेमत वाली जन्नत में दाखिल किया जाएगा?
कदापि नहीं, निश्चय हमने उन्हें उस चीज़[9] से पैदा किया है, जिसे वे जानते हैं।
तो मैं क़सम खाता हूँ पूर्वों (सूर्योदय के स्थानों) तथा पश्चिमों (सूर्यास्त के स्थानों) के रब की! निश्चय हम सक्षम हैं।
कि उनके स्थान पर उनसे उत्तम लोग ले आएँ तथा हम विवश नहीं हैं।
अतः आप उन्हें छोड़ दें कि वे व्यर्थ की बातों में लगे रहें तथा खेलते रहें, यहाँ तक कि उनका सामना उनके उस दिन से हो जाए, जिसका उनसे वादा किया जाता है।
जिस दिन वे क़ब्रों से तेज़ी से बाहर निकलेंगे, जैसे कि वे किसी निशान की ओर[10] दौड़े जा रहे हैं।
उनकी निगाहें झुकी होंगी, उनपर अपमान छाया होगा। यही वह दिन है जिसका उनसे वादा किया[11] जाता था।