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The Noble Qur'an Encyclopedia

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The emissaries [Al-Mursalat] - Hindi translation - Azizul Haq Al-Omari

Surah The emissaries [Al-Mursalat] Ayah 50 Location Maccah Number 77

क़सम है उन हवाओं की जो निरंतर भेजी जाती हैं!

फिर बहुत तेज़ चलने वाली हवाओं की क़सम!

और बादलों को फैलाने वाली हवाओं[1] की क़सम!

फिर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाली चीज़[2] के साथ उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

फिर वह़्य[3] लेकर उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

उज़्र (बहाना) समाप्त करने या डराने[4] के लिए।

निःसंदेह तुमसे जिस चीज़ का वादा किया जाता है, निश्चय वह होकर रहने वाली है।

फिर जब तारे मिटा दिए जाएँगे।

और जब आकाश फाड़ दिया जाएगा।

और जब पर्वत उड़ा दिए जाएँगे।

और जब रसूलों को निर्धारित समय पर एकत्र किया जाएगा।[5]

किस दिन के लिए वे विलंबित किए गए हैं?

निर्णय के दिन के लिए।

और आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि निर्णय का दिन क्या है?

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

क्या हमने पहलों को विनष्ट नहीं किया?

फिर हम उनके पीछे बाद वालों को भेजेंगे।[6]

हम अपराधियों के साथ ऐसा ही करते हैं।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

क्या हमने तुम्हें एक तुच्छ पानी से पैदा नहीं किया?

फिर हमने उसे एक सुरक्षित ठिकाने में रखा।

एक ज्ञात अवधि तक।[7]

फिर हमने अनुमान[8] लगाया, तो हम क्या ही अच्छा अनुमान लगाने वाले हैं।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

क्या हमने धरती को समेटने[9] वाली नहीं बनाया?

जीवित और मृत लोगों को।

तथा हमने उसमें ऊँचे पर्वत बनाए और हमने तुम्हें मीठा पानी पिलाया।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

(कहा जाएगा :) उस चीज़ की ओर चलो, जिसे तुम झुठलाते थे।

एक छाया[10] की ओर चलो, जो तीन शाखाओं वाली है।

जो न छाया देगी और न ज्वाला से बचाएगी।

निःसंदेह वह (आग) भवन के समान चिंगारियाँ फेंकेगी।

जैसे वे पीले ऊँट हों।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

यह वह दिन है कि वे बोल[11] नहीं सकेंगे।

और न उन्हें अनुमति दी जाएगी कि वे उज़्र (कारण) पेश करें।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

यह निर्णय का दिन है। हमने तुम्हें और पहलों को एकत्र कर दिया है।

तो यदि तुम्हारे पास कोई चाल[12] हो, तो मेरे विरुद्ध चलो।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

निश्चय डरने वाले लोग छाँवों तथा स्रोतों में होंगे।

तथा फलों में, जिसमें से वे चाहेंगे।

(तथा उनसे कहा जाएगा :) मज़े से खाओ और पियो, उसके बदले जो तुम किया करते थे।

हम सदाचारियों को इसी तरह बदला प्रदान करते हैं।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

(ऐ झुठलाने वालो!) तुम खा लो तथा थोड़ा-सा[13] आनंद ले लो। निश्चय तुम अपराधी हो।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

तथा जब उनसे कहा जाता है कि (अल्लाह के आगे) झुको, तो वे नहीं झुकते।

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

फिर इस (क़ुरआन) के बाद वे किस बात पर ईमान[14] लाएँगे?