The Noble Qur'an Encyclopedia
Towards providing reliable exegeses and translations of the meanings of the Noble Qur'an in the world languagesThe night [Al-Lail] - Hindi translation - Azizul Haq Al-Omari
Surah The night [Al-Lail] Ayah 21 Location Maccah Number 92
रात की क़सम, जब वह छा जाए।
और दिन की क़सम, जब वह रौशन हो जाए!
तथा नर और मादा को पैदा करने की क़सम।
निःसंदेह तुम्हारे प्रयास विविध हैं।[1]
फिर जिसने (दान) दिया और (अवज्ञा से) बचा।
और सबसे अच्छी बात को सत्य माना।
तो निश्चय हम उसके लिए भलाई को आसान कर देंगे।
लेकिन वह (व्यक्ति) जिसने कंजूसी की और बेपरवाही बरती।
और सबसे अच्छी बात को झुठलाया।
तो हम उसके लिए कठिनाई (बुराई का मार्ग) आसान कर देंगे।[2]
और जब वह (जहन्नम के गड्ढे में) गिरेगा, तो उसका धन उसके किसी काम नहीं आएगा।
निःसंदेह हमारा ही ज़िम्मे मार्ग दिखाना है।
निःसंदेह हमारे ही अधिकार में आख़िरत और दुनिया है।
अतः मैंने तुम्हें भड़कती आग से सावधान कर दिया है।[3]
जिसमें केवल सबसे बड़ा अभागा ही प्रवेश करेगा।
जिसने झुठलाया तथा मुँह फेरा।
और उससे उस व्यक्ति को बचा लिया जाएगा, जो सबसे ज़्यादा परहेज़गार है।
जो अपना धन देता है, ताकि वह पवित्र हो जाए।
और उसपर किसी का कोई उपकार नहीं है, जिसका बदला चुकाया जाए।
वह तो केवल अपने सर्वोच्च रब का चेहरा चाहता है।
और निश्चय वह (बंदा) प्रसन्न हो जाएगा।[4]